श्राद्ध 2025: तिथियां, महत्व और संपूर्ण जानकारी

श्राद्ध क्या है?

श्राद्ध हिंदू धर्म में पितरों को तर्पण और श्रद्धांजलि देने की एक महत्वपूर्ण परंपरा है। इसे पितृ पक्ष के दौरान किया जाता है, जो भाद्रपद पूर्णिमा से अश्विन अमावस्या तक 16 दिनों तक चलता है।

श्राद्ध 2025 की तिथियां और सूची

पितृ पक्ष में हर तिथि का एक विशेष महत्व होता है। नीचे श्राद्ध 2025 की पूरी सूची दी गई है:

पितृ पक्ष 2025 तिथियां

तिथिवारश्राद्ध प्रकार
17 सितंबर 2025बुधवारपूर्णिमा श्राद्ध
18 सितंबर 2025गुरुवारप्रतिपदा श्राद्ध
19 सितंबर 2025शुक्रवारद्वितीया श्राद्ध
20 सितंबर 2025शनिवारतृतीया श्राद्ध
21 सितंबर 2025रविवारचतुर्थी श्राद्ध
22 सितंबर 2025सोमवारपंचमी श्राद्ध
23 सितंबर 2025मंगलवारषष्ठी श्राद्ध
24 सितंबर 2025बुधवारसप्तमी श्राद्ध
25 सितंबर 2025गुरुवारअष्टमी श्राद्ध
26 सितंबर 2025शुक्रवारनवमी श्राद्ध (मातृ नवमी)
27 सितंबर 2025शनिवारदशमी श्राद्ध
28 सितंबर 2025रविवारएकादशी श्राद्ध
29 सितंबर 2025सोमवारद्वादशी श्राद्ध
30 सितंबर 2025मंगलवारत्रयोदशी श्राद्ध
01 अक्टूबर 2025बुधवारचतुर्दशी श्राद्ध
02 अक्टूबर 2025गुरुवारसर्वपितृ अमावस्या

श्राद्ध और तर्पण का महत्व

श्राद्ध कर्म का उद्देश्य पितरों की आत्मा की शांति के लिए तर्पण और पिंडदान करना है। इस दौरान:

  • गंगा जल, तिल और कुश से तर्पण किया जाता है।
  • ब्राह्मण भोजन कराया जाता है।
  • गौ, कुत्ते, कौवे और चींटियों को भोजन अर्पित किया जाता है।

श्राद्ध करने की विधि

1. श्राद्ध के दिन क्या करें?

  • सूर्योदय से पहले स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र पहनें।
  • पवित्र जल और तिल से पितरों का तर्पण करें।
  • ब्राह्मणों को भोजन कराएं और दक्षिणा दें।
  • जरूरतमंदों को भोजन और दान दें।

2. किन बातों का ध्यान रखें?

  • श्राद्ध दिन पर तामसिक भोजन (प्याज, लहसुन, मांसाहार) से बचें।
  • शांत और सात्विक भाव से अनुष्ठान करें।
  • अपने पितरों को याद करके आशीर्वाद प्राप्त करें।

श्राद्ध 2025 से जुड़े महत्वपूर्ण प्रश्न

1. क्या पितृ पक्ष में यात्रा करना सही है?

श्राद्ध के दौरान यात्रा करने की मनाही नहीं है, लेकिन तर्पण और पिंडदान को प्राथमिकता दें।

2. यदि श्राद्ध न कर पाएं तो क्या करें?

यदि किसी कारणवश श्राद्ध न कर पाएं, तो अमावस्या या त्रयोदशी को एकसाथ पितरों के लिए तर्पण किया जा सकता है।

3. श्राद्ध किस समय करना चाहिए?

श्राद्ध मध्यान्ह (दोपहर) के समय किया जाता है, जब सूर्य सबसे ऊपर होता है।

निष्कर्ष

श्राद्ध कर्म पूर्वजों के प्रति श्रद्धा और सम्मान का प्रतीक है। श्राद्ध 2025 में सही विधि और तिथियों के अनुसार तर्पण करना आपके पितरों की आत्मा की शांति के लिए अत्यंत आवश्यक है।


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श्राद्ध 2025 के दौरान, उदय फाउंडेशन के माध्यम से ज़रूरतमंदों को भोजन दान करने का पुण्य कार्य करें। यह पवित्र समय आपके पूर्वजों की आत्मा की शांति के लिए आदर और श्रद्धा प्रकट करने का अवसर है। आपके दान से गरीबों को पोषण मिलेगा और उनके जीवन में आशा की किरण बिखेरेगी। उदय फाउंडेशन आपके योगदान को साकार करके समाज में सकारात्मक बदलाव लाने की दिशा में काम करता है। आइए, इस श्राद्ध में मिलकर एकता और मानवता का संदेश फैलाएं और ज़रूरतमंदों को सहायता प्रदान करें।

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